Kabhi kabhar ye bhi haadsa dikh jaata hai
Pravin Guptaकभी-कभारयेभीहादसादिखजाताहै
मेराबापदौड़ताहांफतादिखजाताहै
सोजाताहूँगरमौतकोगलेलगा
मेराख़्वाबजागतादिखजाताहै
तूअपनेबिस्तरतकसेनहींउठपाता
मुझेलंगड़ाभागतादिखजाताहै
पैरलगाकरगिरादेताहूँउनलड़कोंको
हाथकोईजोलड़कियोंकामाँगतादिखजाताहै
जबभीदुबारामोहब्बतकरनेकीसोचताहूँ
प्रवीन,मेरासायाकांपतादिखजाताहै