Hizr ke baad maine guzishta nahi rakha
Pravin Gupta
हिज्रकेबादमैंनेगुज़िश्तानहींरखा
जिनकीतसवीरेंरखी,उनसेवास्तानहींरखा
क्योंकिउसकोखौफथामेरेदिएतोहफोंसे,
इसलिएमैंनेउसकेकब्रपरगुलदस्तानहींरखा
एकतोमैंपहलेहीज़हनीबीमारीसेतंगथा
ऊपरसेउसनेबातभीआहिस्तानहींरखा
वफ़ाकीएहमियतउसदिनताराज़हुईजब
उसलड़कीनेज़बांदेकररिश्तानहींरखा
रखाहैअपनाफोन,किताबऔरदिलबोशीदा
लेकिनघरमेंकभीशीशाशिकस्तानहींरखा
येबातअलगहैरोजनिकलताहूंखुशियांखरीदने
वोबातअलग,गुरबतनेराहतसस्तानहींरखा
हैवानोंकोबच्चियोंकोनोचतेदेखसोचताहूं
मां,क्योंतूनेमेरानामफरिश्तानहींरखा